कुछ खोया हमने और कुछ पाया |
कुछ छूट गया तो कुछ साथ हमेशा पाया ||
कुछ रह गया मुझमें कुछ जग को बताया |
कुछ यादों को अपने दिल में सजाया ||
कुछ भूल गयी मैं तो कुछ को भुलाया |
कुछ अनजानी राहों पर कदम बढ़ाया ||
कुछ को अनसुना किया तो कुछ को सुनाया |
अपने भीतर मैंने अपना एक ज़हां बसाया ||
कुछ खोया हमने और कुछ पाया ||
Written By मन के अल्फ़ाज़✍️✍️