आज सारी मुश्किलों को दरकिनार करते हैं,
आओ अपने प्यार का इज़हार करते हैं
पूछती हो तुम अक्सर, आखिर है मुझमें क्या
चलो इन बातों को आज खुलेआम करते हैं,
आओ अपने ….. …… …… …..
तेरा वो मुस्कुराना, तेरा वो खिलखिलाना
तेरा वो बिन-बात के इमोशनल ड्रामा
तेरा वो चिल्लाना, तेरा वो लड़ जाना
गलतियों पे तेरा वो स्वाभिमान दिखाना
पसंद है मुझे – हाँ पसंद है मुझे
खींचकर मुझको तेरा वो गले लग जाना
हमसफ़र हो तुम मेरे, दोस्त भी तुम्ही
पकड़कर हाथ तेरा, ये वादा सरेआम करते हैं
आओ अपने प्यार का इज़हार करते हैं
एहसास भी है – विश्वास भी है, और तुमसे आस भी है
मिलकर करना है बहुत कुछ
जिसका जिक्र हम बार-बार करते हैं
आज सारी मुश्किलों को दरकिनार करते हैं
आओ…. प्यार का …….